Management व्यक्तियों के साथ एवं व्यक्तियों के द्वारा कार्यों को दक्षतापूर्वक एवं प्रभावशील ढंग से पूर्ण करने एवं कराने की एक प्रक्रिया है, इस प्रक्रिया में Management के सभी कार्य जैसे:- योजना तैयार करना, संगठन बनाना, नेत्रित्व प्रदान करना तथा नियंत्रण करना आदि आते है|
दुसरे शब्दों में कहें तो-
“ किसी भी कार्य को Planning, Organization, Direction & Co-ordination से करना ही Management कहलाता है ”
दक्षता प्रबन्धन का महत्वपूर्ण अंग है, दक्षता से Input एवं Output में एक संबंध स्थापित होता है, यदि समान Input से अधिक Output प्राप्त होता है तो दक्षता में वृध्दि होती है । इसी प्रकार समान Output को प्राप्त करने में प्रयुक्त Input में कमी हो तो भी दक्षता मे वृध्दि होती है।
Functions of Management in Hindi
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French उद्दोगपति हेनरी फयोल के अनुसार Management के निम्न पाँच कार्य उल्लेखित किये गये है-
- Planning
- Organization/ Group/ Teaming
- Direction/ Guidance
- Co-ordination
- Controlling
1. Planning
सूक्ष्म नियोजन मे उद्देश्यो को परिभाषित करना, नीतियों का निर्धारित करना तथा योजनाओं को विकसित सभी क्रियाओं को समन्वित करना (Co-ordination Activities by Developing Plans) आते है।
नियोजन द्वारा लक्ष्यों को परिभाषित किया जाता है तथा नीतियों Procedures Programs, रणनीतियों को स्थापित करके उद्देश्यों को दक्षता पूर्वक प्राप्त की जाती है, नियोजन द्वारा किसी व्यापार मे आने वाली कठिनाइयों का किस प्रकार समान किया जा सकता है।
2. Organization
संगठन द्वारा उत्पादन सम्बंधी सभी आवश्यकताओ को सुनिश्चित करके पूर्ण किया जाता है इसके साथ – साथ इन सभी आवश्यक कार्यों को किस प्रकार किया जाना है, तथा उन व्यक्तियों द्वारा इन कार्यों को पूर्ण किया जाना को भी सुनिश्चित करता है, अतः इन कार्यो के संपादन हेतु प्रबंधकों द्वारा संगठन ढाँचे( Organization Structure) को तैयार किया जाता है-
अतः संगठन मे निम्नलिखित पदों को सम्मिलित किया जाता है।
(i) उत्पादन सम्बन्धित कार्यों को नियत करना।
(ii) सभी कार्यों का विभाजन करना।
(ii) सभी वर्ग के व्यक्तियों में अनेक अधिकारों तथा उत्तरदायित्यो मे विकसित करना जिससे परस्पर सहयोग बना रहे।
(iv) सभी कार्यों को पूर्ण करने हेतु उपयुक्त व्यक्तियों को उनका दायित्व सौपना तथा उन उत्तराधिकारियो को उनकी योग्यतानुसार अधिकार एवं सुविधाये प्रदान करना।
Types of Organization in Hindi
(i) Line or Military Organization
(ii) Line and Staff Organization
(iii) Functional Organization
(iv) Committee Organization Direction & Leading :
3. Direction
निर्देशन एक महत्वपूर्ण प्रबंधकीय कार्य है, क्योंकि प्रभावशील निर्देशन के आधार पर ही प्रबंध के निर्णयो को कार्य रूप मे परिनित करने हेतु कार्यवाही की जाती है अत: उचित अनावश्यक निर्देश किसी उद्देश्य की सफलता एवं उसके अस्तित्व बने रहने के लिए परम आवश्यक है।
4. Co-ordination
व्यक्तियो के छोटे – छोटे समूहो द्वारा व्यवसाय सम्बंधित कार्यो को पूर्ण करने हेतु जो प्रयत्न किए जाते है उनमे एकरुकता लाने के लिए समंवय आवश्यक होता है जिसमे सामान्य उद्देश्य प्राप्त हो सके एक लगातार जारी रखने वाली प्रक्रिया को समंवय कहा जा सकता है।
जिसमे प्रबंधक अपने अधीनस्थ कर्मचारिओ के सामुहिक प्रयत्नो को सही दिशा मे आगे ले जाता है, और उनके कार्यो मे एकरुकता लाकर वांछित उद्देश्यो को प्राप्त करता है
5. Controlling
Management के साहित्य मे नियंत्रन शब्द का एक विशेष अर्थ होता है, इसके अर्थ मे कार्य के मानको को सेट करना कर्मचारिओ की वास्तविक कार्य दक्षता मापना तथा इनसे सम्बंधित सुधारो हेतु के लिए गये Steps आदि आते है, नियंत्रन द्वारा व्यवसाय के उद्देश्यो और योजनाओ के विरुध्द अधिकारियो की कार्य दक्षता मापी जाती है।
नियंत्रन द्वारा व्यवसाय के उद्देश्यो और योजनाओ के विरुध्द अधीकारिओ की कार्य दक्षता मापी जाती है, नियंत्रन के द्वारा व्यसवाय के उद्देश्यो और योजनओ के विरुध्द अधिकारिओ की कार्य दक्षता मापी जाती है नियंत्रन के द्वारा यह ग्यात होता है की कहा गिरावत है तथा इससे उद्देश्य प्राप्ति मे सहायता प्राप्ति होती है।
Principle of Management
किसी भी Organization की सफलता उसके Departments तथा Staff या कर्मचारी मे उचित Co-ordination पर आधारित होता है। किसी Organization के कौशल पूर्ण मार्गदर्शन हेतु कुछ आवश्यक Principle दिए जाते है|
(i) Principle of Co-ordination
(ii) Principle of Unity of Command
(iii) Principle of Scaler Change
(iv) Principle of Definition
(v) Principle of Objectives
(vi) Principle of Continuity
(vii) Principle of Balance
(viii) Principle of Flexibility