What is Motivation in Hindi
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Motivation किसी भी व्यक्ति के अन्दर काम करने की इच्छा जागृत करने वाली प्रक्रिया है । अधिकतर व्यक्ति यह जानते है की उन्हे क्या करना है परंतु वो कर नहीं पाते है तब motivation उनके अंदर आत्मविश्वास के साथ काम करने की इच्छा को उत्पन्न करता है। जिससे किसी भी संगठन या Organization के लक्ष्य की ओर ओर अग्रसर होता है।
दुसरे शब्दो मे कहे तो-
“Motivation एक तरह की प्रेरकशक्ति है जो हमारे अन्दर कुछ कर गुजरने की आग पैदा करती है । हमारे काम करने की क्षमता को दोगुनी करती है, एकदम से बढ़ा देती है । हम अपने काम को पूरे जोश के साथ करने लग जाते हैं । यह मुख्य रूप से हमारे काम एवं भावनाओं में जोश भरने का काम करती है । Motivate करने का मतलब होता है अपने अन्दर जोश पैदा करना, अपनी लाइफ में कुछ करने के लिए जज़्बा पैदा करना”
यदि आप अपनी लाइफ में कुछ भी नहीं कर रहे हैं तो यह आपके अन्दर कुछ करने की आग पैदा कर सकता है जिससे आप कभी खाली नहीं बैठेंगे, ये आपके अन्दर काम करने की लगन पैदा करेगा। Motivation एक बहुत ही Powerful हथियार की तरह है जो हमारे मन में चल रहे Doubts को दूर करती है और हमें अन्दर से Inspire करती है जिससे हम अपनी लाइफ में दोबारा Active हो जाते हैं।
हम अपनी Life में अभी जो कुछ भी कर रहे हैं वो किसी न किसी Motivation के कारण ही है। जो हमारी Life को पुरी तरह Change कर देती है। Successful बनने के लिए हमें Motivation की आवश्यकता होती है । जब तक हम सोते रहेंगे तब तक सफल कैसे होंगे। Motivation हमें जगाये रखने और अपने लक्ष्यों को हासिल करने में हमारी help करती है ।
हर व्यक्ति सफल होना चाहता है, और जहाँ भी सफल होने की एक चाहत पैदा हो जाती है वहाँ व्यक्ति को Motivation की जरूरत पड़ती है । सफलता आपकी Life को खुशहाल बनाती है, लोग आपकी ज्यादा इज्जत करते हैं आपको सम्मान देते है । यदि आप सफल हैं तो लोग आपसे जुड़ना चाहते हैं, आपसे सीखना चाहते हैं और लोग आपकी तरह बनना चाहते हैं ।
और यदि आप सफल नहीं हैं तो आपको वो Respect नहीं मिलेगा जो एक सफल व्यक्ति को मिलता है। यदि आप अपनी ज़िन्दगी में संतुष्ट हैं तो आप आगे स्तर तक जाने के लिए कभी-भी कोशिश नहीं करेंगे । आत्मसंतुष्ट व्यक्ति अपने आपको कभी भी Motivate नहीं कर सकता क्योंकि उन्हें अपनी Life की जरूरतों का एहसास ही नहीं हो पाता और इसलिए वो कुछ हासिल करने की कोशिश ही नहीं करना चाहते ।
Motivation कैसे काम करती है ?
खुद से बात करना और उस बात के माध्यम से अपने अन्दर सफलता की चाहत पैदा करना हमारी आतंरिक प्रेरणा को दर्शाता है| मान लीजिये आपने एक नया काम शुरू किया लेकिन आपके अन्दर एक डर है कि आप सफल होंगे भी या नहीं ! अपनी सफलता को लेकर आपके मन में एक डर बना हुआ है लेकिन यदि आप नियमित रूप से खुद से बात करते हैं और स्वयं से कहते हैं –
“मेरा आत्मविश्वास हर रोज दोगुना बढ़ता जा रहा है, मैं अपने लक्ष्य के करीब पहुँचता जा रहा हूँ और मैं सफल होकर ही दम लूँगा ।“
ऐसी बातें हमारे अन्दर आत्मविश्वास पैदा करती हैं और हम खुद को Motivate रख पाते हैं ।
Factors of Motivation
किसी भी Organization मे motivation निम्नलिखित कार्यो से आवश्यक समझा जाता है।
- High work Efficiency
- Reputation of Organization
- Low absenteeism
Characteristics of Motivation
- Motivation is influenced by society & culture.
- Motivation is goal Oriented process.
- Motivation is timing & situation.
- Motivation is a psychological phenomenon.
Process of Motivation
जब किसी कर्मचारी की आवश्यता की पूर्ती नहीं होती है तब मानसिक तनाव तथा हीन भावना को जन्म मिलता है जिससे उससे कार्य के प्रति रूचि में कमी आती है और उत्पादन स्तर में गिरावत आती है। तव प्रत्येक कर्मचारी को सुचारु रुप से motivate करना आवश्यक होता ।
असन्तुष्ट आवश्यकता उद्देश्य
| _______________ उद्देश्यों की प्राप्ति की दिशा में लगा व्यवहार
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उद्देश्यो की प्राप्ति एवम आवश्यकताओ की सन्तुष्ट
Incentives
कर्मचारी को आशा से अधिक अच्छा कार्य न करने के लिए धन सम्बन्धित तथा पद सम्बन्धित लाभ प्रदान किये जाते है । जिन्हे Incentives या फिर अभिप्रेरक कहते है |Incentives से लोगों के मन में हीन भावना भी उत्पन्न होती है। अभिप्रेरक से भुगतान की जाने वाली राशि समय-2 पर ही मिलती है।
Pay (भुगतान करना)
कर्मचारियो को उनके कार्य के बदले भुगतान किया जाता है जिन्हे दो भागों में बाटा गया है मजदूरी तथा तनख्वाह (आय) परिश्रमिक का भुगतान प्रतिदिन के हिसाब से दिया जाता। है। जबकि वेतन या तनख्वाह का भुगतान समान रूप से प्रतिमाह किया जाता है। इसलिए पारिश्रमिक unstable होता जबकि Salary (वेतन) stable होता है। Yoder & Heneman के मतानुसार मजदूरी व्यक्तियों के लिए उनके काम के विरुध्द क्षतिपूर्ति है |
Benton के अनुसार – श्रमिक व्दारा कम्पनी मालिक को प्रदान की गई सेवाओं का भुगतान मजदूरी कहलाता है। | श्रमिको तथा कर्मचारियों को मजदूरी का भूगतान किया जाना उनके उदेश्यों की पूर्ति करता है इस तरह भुगतान से श्रमिक तथा अन्य कर्मचारी अपनी शक्ति तथा क्षमता का भरपूर उपयोग कर पाते ।