Hello friends!! Welcome to Equicklearning-Learn Anywhere में आपका बहुत-बहुत स्वागत है । मैं हु Anshu Singh, और आज के इस article में हम आपको बताने वाले है E-R Model in Hindi | E-R Model क्या होता है ? आज के इस post में हम विस्तार से ये जानेंगे कि Database Management System(DBMS) मेंं E-R Model क्या होता है ? तो आइये विस्तार से जानते इसके बारे में है ।
E-R MODEL in Hindi
ER model एक Entity-relationship model है। यह एक high-level data model है। E-R Model का उपयोग किसी specific system के लिए data elements और relationship को परिभाषित करने के लिए किया जाता है।
E-R model को 1976 में peter ने प्रस्तावित किया था। E-R model का उपयोग real-world की conceptual schema को प्रस्तुत करने के लिए किया जाता है। E-R model database के conceptual view को define करता है।
E-R model को E-R diagram भी कहते है क्योंकि यह entities को graphical रूप से represent करता है entities के मध्य relationship को दर्शाता है। यह database के लिए एक conceptual design विकसित करता है। यह data के लिए एक बहुत ही सरल और आसान design विकसित करता है।
E-R model में database structure को एक entity-relationship diagram नामक एक diagram के रूप में portray किया जाता है।
उदाहरण – मान लीजिए कि हम एक स्कूल database design करते है। इस database में, छात्र का पता, नाम, ID, आयु आदि विशेषताओं के साथ एक इकाई (entity) होगी। शहर, सड़क का नाम, pin code, आदि जैसी विशेषताओं के साथ पता एक तथा इकाई हो सकता है और उनके बीच एक संबंध होगा।
E-R model द्वारा database का E-R Diagram एक Blue Print के रूप में तैयार किया जाता है, जिसमे theoretical और conceptual तरीके से database के अंदर entity sets के बीच relationship को दर्शाया जाता है | E-R मॉडल का उपयोग relational database को तैयार करने मे किया जाता है।
Components of E-R Model in DBMS in Hindi
E-R Model के निम्नलिखित तीन प्रमुख components है, जिन्हे E-R diagram में represent किया जाता है-
- Entities
- Attributes
- Relationships
1. Entities
एक entity कोई भी person, place, thing तथा real word object हो सकता है, जिसकी पहचान की जा सके तथा उससे जुड़ी जानकारी को data के रूप में store किया जा सके। जैसे- customer id, customer name और customer city आदि attributes है जिन्हें, customer entity में define किया गया है। E-R diagram में entity को rectangles के द्वारा represent किया जाता है।
Entity Sets – एक entity set एक ही प्रकार के Entities का group होता हैं , यह एक ही प्रकार के properties , attributes को share करता है |
Types of Entities
DBMS में entity निम्नलिखित प्रकार की होती है।
- Strong Entity
- Weak Entity
1-Strong Entity
वह entity जिसके पास Primary Key हो अर्थात किसी entity के attribute जिसके पास primary key होती है strong entity कहलाती है।
Strong Entity किसी दूसरे Entity पर निर्भर नहीं करता है | तथा इसके पास हमेशा एक Primary Key होती है। बहुत सारी strong entity मिलकर एक Strong Entity Set बनाते हैं। Strong Entity को Single Rectangle के रूप में प्रस्तुत किया जाता है।
2-Weak Entity
Weak entity की कोई key नहीं होती हैं अर्थात weak entity एक ऐसी entity होती हैं जो अपने attribute को uniquely identify नहीं कर सकती है ।
Weak entity का अपना कोई प्रमुख गुण नहीं है। Weak Entity को एक double rectangle द्वारा represent किया गया है । यह Entity Strong Entity पर निर्भर करती है ।
2. Attributes
किसी entity के गुणों का वर्णन करने के लिए attributes का उपयोग किया जाता है। जैसे – id, age, contact number, name आदि एक छात्र की विशेषता हो सकते है। Attribute को हम columns कह सकते है | Attribute को हम Ellipse के द्वारा represent करते है |
Attribute entity का property होता है जो entity के characteristics को describe करता है । Entity की अपने-अपने कुछ characteristics होते है, जिसका प्रयोग उस entity के specific features को define करने के लिये किया जा सकता है । किसी entity की इन्ही characteristics को attributes कहा जाता है ।
किसी entity के attributes निम्नलिखित प्रकार के हो सकते है –
1) Simple Attribute
एक simple attribute, वह attribute होता है, जिसे subdivide नही किया जा सकता है । उदाहरण के लिए- Sex, Age, इत्यादि ।
Simple Attribute को कभी-कभी atomic attribute भी कहा जाता है ।
2) Composite Attribute
एक ऐसा attribute, जिसे छोटी-छोटी units में subdivide किया जा सके एवम जिसकी unit विशेश के विशेश अर्थ हो, उसे composite attribute कहा जाता है । उदाहारण के लिये- address attribute को StreetNumber, Area, City, Pincode, State इत्यादि में विभाजित किया जा सकता है ।
3) Single-valued Attribute
एक single-valued attribute, वह attribute होता है, जो किसी entity के लिये एकमात्र value को store कर सकता है । किसी entity विशेश के लिये एक से अधिक single-valued attributes हो सकते है । उदाहरण के लिये- classroom entity के RoomNumber attribute के लिये एकमात्र value हो सकती है । अत: RoomNumber attribute एक single-value
attribute है ।
4) Multivalued Attribute
Multivalued attribute, वह attribute होते है, जो किसी entity के लिये एक से अधिक values को values को store कर सकता है । Multivalued Attribute के लिये assign किए जा सकने वाले values के न्युनतम एवम अधिकतम संख्या को निर्दिश्ट करना आवश्यक होता है ।
उदाहरण के लिये- एक employee entity के लिये PhoneNumber एक multivalued attribute है । इसी तरह एक student entity के Hobby attribute के लिये एक से अधिक values तथा reading, music, movies इत्यादि ।
5) Stored Attribute
ये attributes जिन्हे database में सीधे-सीधे(directly) store किया जा सकता है, वे stored attributes कहलाते हैं । उदाहरण के लिये- एक Employee entity का DateofBirth attribute |
6) Derived Attribute
एक derived attributes वह होता है, जो किसी ऐसी value को represent करता है, जिसे किसी सम्बंधित attribute अथवा attributes के set की value से derive किया जा सके । उदाहरण के लिये- Age attribute को DateofBirth attribute से derive किया जा सकता है । इसी प्रकार किसी कर्मचारी के BasicSalary attribute से GrossPay को calculate किया जा सकता है ।
3. Relationship
एक relationships दो entities के मध्य एक association होती है । एक relationship को दो entities के बीच में एक connection अथवा associations के एक set के रूप में परिभाशित किया जा सकता है ।
Relationships को Diamond Shaped Symbol से represent किया जाता है, जिसके अंदर Relationship name को लिखा जाता है । Diamond के दोनो किनारे relate की जाने वाली entities से connected होते हैं ।
उदाहरण के लिये- Teacher और Student Entities के बीच में एक association है- “Teacher teachesthe student”, जो एक relationship का उदाहरण है ।
Degree of Relationship
1) Unary Relationship-किसी relationship की degree आपस में Associated Entities की संख्या को दर्शाया जाता है । जब एकमात्र entity के अंदर ही एक association को maintain किया जाता है, तो वहा एक Unary relationship विद्यामान है । उदाहरण- Subject |
2) Binary Relationship-जब दो entities के बीच एक association होती है तो वहाएक Binary Relationship विद्यमान होती है । उदाहरण- Teacher एवम Student |
3) Ternary Relationship-जब तीन entities associated अर्थात आपस में सम्बंधित होती है, तो उनके बीच Ternary Relationship विद्यमान होती है । उदाहरण- Teacher, Subject और
Student |
4) Quaternary Relationship-जब चार entities associated होती है, तो उनके बीच एक Quaternary Relationship होती है । उदाहरण- Student, Teacher, Course एवम Subject |
Connectivity of Relationship
Relationships को One-to-One, One-to-Many, एवम Many-to-Many के रुप में वर्गीक्रित किया जा सकता है ।
1) One-to-One:- एक One-to-One relationship अर्थात 1:1 relationship में केवल दो ही entities के बीच एक association होती है । उदाहरण- किसी company का manager
केवल और केवल एक ही Department को manage कर सकता है ।
2) One-to-Many:- इस relationship में एक entity एक से अधिक entity से associated होती है । उदाहरण- एक department के एक से अधिक Employee हो सकती है ।
3) Many-to-Many:- इस relationship में दो ऐसी entities का वर्णन करती है, जिनके बीच एक से अधिक association होती है । उदाहरण- एक से अधिक Student अनेक Course में admission ले सकते हैं एवम किसी एक विशेश Course में अनेक Student admission करा सकते है । इसी प्रकार एक Book अनेक Author द्वारा लिखी जा सकती है और एक Author अनेक Book लिख सकता है ।
Final Word
Friends आज आपने इस post में पढा कि What is E-R Model in Hindi, तो दोस्तो मुझे उम्मिद है कि इस post को पढने के बाद आपके सारे सवालो के जवाब मिल गयेे होगे । और आप ये अच्छे सेे समझ गये होंगे कि E-R model क्या होता है?
हमारी ये पुरी कोशिश रहती है कि इस post को पढने के बाद आपके सारे doubts clear हो गये होंगे । फिर भी अगर आपकि कोई query या suggestion है तो हमे comment box में जरुर बताये । साथ ही आप हमसे social media के through भी जुड सकते है ।
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